किडनी स्टोन से परेशान बहुत से लोग और स्थानीय समाज में एक सुझाव मशहूर है: “थोड़ी सी बीयर पीने से पथरी निकल सकती है।” इसे एक घरेलू इलाज की तरह जाना जाता है। लेकिन क्या इस बात में कोई मेडिकल आधार है? इस ब्लॉग में हम यह स्पष्ट करेंगे: क्या है फैक्ट और क्या है फेक।
गुर्दे की पथरी क्या है?
गुर्दे की पथरी ठोस पिंड या क्रिस्टल होते हैं जो आपके गुर्दे में मौजूद पदार्थों (जैसे खनिज, अम्ल और लवण) से बनते हैं । ये रेत के दाने जितने छोटे या कभी-कभी गोल्फ की गेंद से भी बड़े हो सकते हैं। गुर्दे की पथरी को रीनल कैलकुली या नेफ्रोलिथियासिस भी कहा जाता है।
गुर्दे की पथरी के आकार के आधार पर आपको पता भी नहीं चलता कि यह मौजूद है। छोटी पथरी बिना लक्षण के निकल सकती है, लेकिन बड़ी पथरी मूत्रवाहिनी में फंसकर दर्द, रक्तस्राव और किडनी को नुकसान पहुँचा सकती है। पथरी को अपने आप निकलने में हफ़्तों लग सकते हैं, और कुछ छोटी पथरी भी बहुत दर्द देती हैं। यदि पथरी अपने आप न निकले तो विशेषज्ञ की मदद लेनी पड़ सकती है।
गुर्दे की पथरी कितनी आम है?
लगभग 10 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में गुर्दे की पथरी हो ही जाती है। यह 30 और 40 की उम्र के पुरुषों में सबसे आम है । गैर-हिस्पैनिक श्वेत लोगों में भी यह ज़्यादा आम है।
गुर्दे की पथरी के लक्षण क्या हैं?
गुर्दे की पथरी का सबसे आम लक्षण पीठ के निचले हिस्से, पेट या बगल में दर्द फ्लैंक पेन है। ऐसा महसूस हो सकता है कि यह कमर से बगल तक फैल रहा है। यह हल्का दर्द या तेज़ और गंभीर हो सकता है। इसे कभी-कभी पेट दर्द भी कहा जाता है क्योंकि यह लहरों के रूप में बढ़ सकता है।
गुर्दे की पथरी के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- समुद्री बीमारी और उल्टी
- खूनी पेशाब
- पेशआब करते समय दर्द होना
- पेशाब करने में असमर्थता.
- बहुत अधिक पेशाब करने की इच्छा होना
- बुखार या ठंड लगना
- धुंधला या बदबूदार पेशाब
छोटे आकार की गुर्दे की पथरी से दर्द या अन्य लक्षण उत्पन्न नहीं हो सकते हैं।
शराब और गुर्दे की पथरी
- यह सिद्ध नहीं हुआ है कि बीयर पीने से सीधे तौर पर गुर्दे की पथरी होती है; फिर भी, इस बात के प्रमाण हैं कि बीयर पीने से अप्रत्यक्ष रूप से इस स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।
- लम्बे समय तक बीयर पीने से निर्जलीकरण हो सकता है, जिससे गुर्दे में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- बीयर पीने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। एक और कारक जो किडनी स्टोन के विकास की संभावना को बढ़ा सकता है वह है अधिक वजन या मोटापा।
- यूरिक एसिड शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है, जिससे गुर्दे में पथरी की संभावना बढ़ जाती है।
मिथक 1: बीयर किडनी स्टोन को घोल देती है। यह पूरी तरह से गलत है। बीयर में ऐसे कोई रासायनिक गुण नहीं होते जो पहले से बनी हुई किडनी स्टोन को घोल सकें। पथरी का प्रकार (जैसे कैल्शियम ऑक्सालेट, यूरिक एसिड आदि) महत्वपूर्ण होता है, और इन्हें घोलने के लिए विशिष्ट दवाओं या चिकित्सा प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
मिथक 2: बीयर सभी प्रकार की किडनी स्टोन को रोकती है। यह भी एक गलत धारणा है। किडनी स्टोन कई प्रकार के होते हैं, और उनका गठन विभिन्न कारणों से होता है। बीयर का सेवन सभी प्रकार की पथरी को बनने से नहीं रोक सकता। वास्तव में, कुछ मामलों में यह स्थिति को और खराब कर सकता है।
मिथक 3: जितनी ज्यादा बीयर पियेंगे, उतना अच्छा होगा। यह बेहद खतरनाक मिथक है। अत्यधिक शराब का सेवन, जिसमें बीयर भी शामिल है, शरीर को निर्जलित (dehydrate) कर सकता है। निर्जलीकरण किडनी स्टोन के गठन का एक प्रमुख कारण है। जबकि थोड़ी मात्रा में बीयर पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ सकती है, लेकिन शराब की मात्रा बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जो पथरी के लिए उल्टा काम करेगा।
सच्चाई 1: अधिक तरल पदार्थ का सेवन। बीयर, अन्य तरल पदार्थों की तरह, आपके कुल तरल पदार्थ के सेवन को बढ़ा सकती है। पर्याप्त हाइड्रेशन किडनी स्टोन को बनने से रोकने और छोटे पत्थरों को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मूत्र को पतला करता है। हालांकि, यह लाभ केवल बीयर के पानी वाले हिस्से से आता है, न कि शराब से। सादा पानी ही सबसे अच्छा विकल्प है।
सच्चाई 2: मूत्रवर्धक प्रभाव (Diuretic Effect)। बीयर का मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, यानी यह पेशाब के उत्पादन को बढ़ाती है। छोटे पत्थरों को बाहर निकालने में यह अस्थायी रूप से मदद कर सकता है। लेकिन इस प्रभाव के साथ शराब के अन्य नकारात्मक प्रभाव भी आते हैं।
सच्चाई 3: ऑक्सालेट और प्यूरिन सामग्री। बीयर में ऑक्सालेट (oxalate) और प्यूरिन (purine) जैसे पदार्थ होते हैं। ऑक्सालेट कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी के गठन में योगदान कर सकते हैं, जो कि सबसे आम प्रकार की किडनी स्टोन है। प्यूरिन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे यूरिक एसिड पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अत्यधिक बीयर का सेवन वास्तव में पथरी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
किडनी स्टोन के लिए आधुनिक उपचार और रोकथाम (भारत में ट्रेंडिंग)
भारत में किडनी स्टोन के इलाज में कई प्रगति हुई है, और लोग अब प्रभावी, वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीकों पर अधिक भरोसा कर रहे हैं:
- पर्याप्त हाइड्रेशन: यह सबसे महत्वपूर्ण और सरल उपाय है। दिन में 2.5-3 लीटर पानी पीना मूत्र को पतला रखता है और पत्थरों के बनने की संभावना को कम करता है। नींबू पानी, नारियल पानी और जौ का पानी जैसे तरल पदार्थ भी फायदेमंद माने जाते हैं।
- आहार में बदलाव:
1. सोडियम कम करें: उच्च सोडियम आहार मूत्र में कैल्शियम के स्तर को बढ़ाता है।
2. ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नियंत्रित करें: पालक, चुकंदर, नट्स, चॉकलेट आदि में ऑक्सालेट अधिक होता है। इन्हें कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों के साथ खाने से ऑक्सालेट का अवशोषण कम होता है।
3. पर्याप्त कैल्शियम लें: गलत धारणा के विपरीत, पर्याप्त आहार कैल्शियम लेना वास्तव में पथरी के जोखिम को कम करता है क्योंकि यह आंतों में ऑक्सालेट से जुड़ता है।
4. पशु प्रोटीन सीमित करें: अत्यधिक पशु प्रोटीन यूरिक एसिड पथरी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
5. खट्टे फल: नींबू, संतरा, आंवला जैसे फल साइट्रेट से भरपूर होते हैं, जो पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं।
- चिकित्सा उपचार:
1. मेडिकल एक्सपल्सिव थेरेपी (MET): छोटे पत्थरों के लिए दवाएं दी जाती हैं जो उन्हें बाहर निकालने में मदद करती हैं।
2. एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL): यह एक गैर-इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें पत्थरों को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है।
3. यूरेटेरोस्कोपी (URS): एक पतली दूरबीन को मूत्रमार्ग से डालकर पत्थरों को निकाला या लेजर से तोड़ा जाता है।
4. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (PCNL): बड़े या जटिल पत्थरों के लिए पीठ में एक छोटा चीरा लगाकर सीधे किडनी से पत्थरों को निकाला जाता है। अब मिनी-PCNL जैसे कम इनवेसिव विकल्प भी उपलब्ध हैं।
5. रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी और थूलियम फाइबर लेजर टेक्नोलॉजी: ये नवीनतम तकनीकें सर्जरी को और अधिक सटीक और कम इनवेसिव बनाती हैं।
किडनी स्टोन के लिए बीयर पीने का विचार एक खतरनाक मिथक है। जबकि बीयर में पानी होता है जो हाइड्रेशन में मदद कर सकता है, इसमें मौजूद शराब और अन्य तत्व (ऑक्सालेट, प्यूरिन) वास्तव में पथरी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। किडनी स्टोन एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसके लिए विशेषज्ञ की सलाह और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध उपचार की आवश्यकता होती है। यदि आपको किडनी स्टोन का संदेह है या आप इससे पीड़ित हैं, तो किसी योग्य यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेना ही सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। घरेलू नुस्खों पर आंख मूंदकर भरोसा करने से पहले हमेशा पेशेवर चिकित्सा सलाह लें। आपकी किडनी का स्वास्थ्य आपके लिए अनमोल है।